रविवार, 11 सितंबर 2016

do mandir ka chouk

दो मंदिर के लंबे चौड़े चौक की शोभा को निरखे --चांदनी चौक से जब रूह सौ सीढियां 20  चांदों सहित पार करती हैं तो उसका अगला कदम २ मंदिर के लंबे चौड़े चौक में होता हैं --वह खुद को दो मंदिर के चौक में पाती हैं -
अति मनोहारी शोभा है इन चौक --चौक के चारों कोनों में हीरा के जगमगाते थम्भ हैं जिन्होंने मेहराबे डाल इन चौक पर दो भोम ऊंची छत दी हैं --अति सुन्दर नूरी छत ..दो भोम ऊपर झलकती हुई --नूरी उज्जवल श्वेत ज्योति से प्रकाशमान चौक --
चौक की पूर्व दिशा में धाम की उतरती बादशाही शोभा को धारण किया सीढियां ...बीस चांदो  की अजब शोभा --सीढ़ियों के दोनों और आयें नूरी कठड़े --आगे चांदनी चौक की शोभा ..लाल हरे वृक्ष का नूर ...अमृत वन ..

उत्तर और दक्षिन दिशा में एक सीधी ऊंचे चार मंदिर के लंबे और दो मंदिर के चौड़े चबूतरे जिनकी पूर्व किनार पर हीरा ,माणिक ,पुखराज ,पाँच और नीलवी के थम्भ शोभित हैं और पश्चिमी किनार पर मंदिरों की दीवार हैं --इन चबूतरो की दो भोम  आयीं हैं

चौक के पश्चिमी दिशा में धाम दरवाजा --दो मंदिर की चौक की शोभा दो मंदिर /भोम ऊंची होने से धाम दरवाजा की शोभा दो भोम की दिखाई देती हैं --प्रथम देखे --दो मंदिर के चौक के पश्चिमी तरफ एक मंदिर की जगह में झलकार करता दर्पण का द्वार ,हरे रंग की बेनी और लाल रंग की चौखट --द्वार के दोनों और लाल रंग में मणियों से जड़ित दीवार --
दर्पण रंग के दरवाजे के ऊपर सुन्दर सी मेहराब --और इन मेहराब के ऊपर दूसरी भोम में धाम द्वार की शोभा देखे --

दर्पण रंग के दरवाजे के ठीक ऊपर झरोखा की शोभा -दो दरवाजों की शोभा और नव जाली द्वार --फेर फेर शोभा को देखे

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