श्री रंगमहल का दरवाजा ज़मीन से एक भोम की ऊँचाई पर हैं | सौ सीढ़ियाँ और बीस चांदे चढ़कर (एक सौ छोटी सीढ़ियाँ और बीस चाँदे अर्थात बड़ी सीढ़ियाँ )धाम दरवाजे पर जाइए |
श्री परमधाम की छोटी वृत्त श्री लाल दास महाराज जी कृत *
परमधाम की जमीन से एक भोम ऊंचे चबूतरे पर रंगमहल सुशोभित हैं जिसका धाम दरवाजा पूर्व दिशा में सुखदायी झलकार कर रहा हैं --धाम दरवाजे तक पहुंचना हैं तो कैसे पहुंचे ❓
चांदनी चौक में चलते हैं --ठीक मध्य में नगन जड़ित रोंस से होते हुए चांदनी चौक की पश्चिम दिशा की और चलते हैं --देखिए यह रोंस सीढ़ियों तक गयीं हैं --आगें धाम की सीढियां
धाम की सीढियां भोम भर ऊंचे चबूतरे पर दो मंदिर की चौड़ाई लेकर चढ़ी हैं --100 सीढ़ियों की शोभा 20 चांदों सहित आयीं हैं --
सर्वप्रथम देखते हैं पहली सीढ़ी--
उत्तर से दक्षिन दिशा में यह सीढियाँ दो मंदिर की लंबी आयीं हैं --चांदनी चौक से पहली सीढ़ी एक हाथ ऊंची और एक ही हाथ चौड़ी आयीं हैं --तो ऐसे पांच सीढ़ी देखी --पांचवी सीढ़ी के साथ ही 5 हाथ का चांदा आया हैं --फिर छठीं ,सातवीं ,आठवीं , नवी और दसवीं सीढ़ी एक हाथ ऊंची और एक ही हाथ ऊंची आयीं हैं और लंबी तो उत्तर से दक्षिन दिशा में दो मंदिर की जगह लेकर आयीं हैं --अब देखते हैं दसवीं सीढ़ी के साथ ही पांच हाथ का चांदा शोभित हैं --पंद्रहवीं ,बीसवीं --इस तरह से क्रमशः चांदों की शोभा आयीं हैं --सीढियो के दोनों और कठेड़े की शोभा आयीं हैं जिनमें कई प्रकार की नूरी नक्काशी आयीं हैं --तो 100 सीढियां 20 चांदों सहित पर कर धाम दरवाजा के सम्मुख पहुंचे 😊🙏
श्री परमधाम की छोटी वृत्त श्री लाल दास महाराज जी कृत *
परमधाम की जमीन से एक भोम ऊंचे चबूतरे पर रंगमहल सुशोभित हैं जिसका धाम दरवाजा पूर्व दिशा में सुखदायी झलकार कर रहा हैं --धाम दरवाजे तक पहुंचना हैं तो कैसे पहुंचे ❓
चांदनी चौक में चलते हैं --ठीक मध्य में नगन जड़ित रोंस से होते हुए चांदनी चौक की पश्चिम दिशा की और चलते हैं --देखिए यह रोंस सीढ़ियों तक गयीं हैं --आगें धाम की सीढियां
धाम की सीढियां भोम भर ऊंचे चबूतरे पर दो मंदिर की चौड़ाई लेकर चढ़ी हैं --100 सीढ़ियों की शोभा 20 चांदों सहित आयीं हैं --
सर्वप्रथम देखते हैं पहली सीढ़ी--
उत्तर से दक्षिन दिशा में यह सीढियाँ दो मंदिर की लंबी आयीं हैं --चांदनी चौक से पहली सीढ़ी एक हाथ ऊंची और एक ही हाथ चौड़ी आयीं हैं --तो ऐसे पांच सीढ़ी देखी --पांचवी सीढ़ी के साथ ही 5 हाथ का चांदा आया हैं --फिर छठीं ,सातवीं ,आठवीं , नवी और दसवीं सीढ़ी एक हाथ ऊंची और एक ही हाथ ऊंची आयीं हैं और लंबी तो उत्तर से दक्षिन दिशा में दो मंदिर की जगह लेकर आयीं हैं --अब देखते हैं दसवीं सीढ़ी के साथ ही पांच हाथ का चांदा शोभित हैं --पंद्रहवीं ,बीसवीं --इस तरह से क्रमशः चांदों की शोभा आयीं हैं --सीढियो के दोनों और कठेड़े की शोभा आयीं हैं जिनमें कई प्रकार की नूरी नक्काशी आयीं हैं --तो 100 सीढियां 20 चांदों सहित पर कर धाम दरवाजा के सम्मुख पहुंचे 😊🙏
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