गुरुवार, 15 सितंबर 2016

धाम दरवाजे का दस मंदिर का हान्स --

सौ सीढियां चढ़ कर दो मंदिर के चौक में आएं ..दो मंदिर के लंबे चौड़े चौक की शोभा देखी --

चौक की पश्चिम दिशा में धाम दरवाजा 

चौक की पूर्व दिशा में धाम की विशाल सीढियां 

और उत्तर दक्षिन दिशा में  चबूतरे
आज देखते हैं दो मंदिर के चौक के दोनों और आयें चबूतरो की शोभा --चौक के उत्तर और दक्षिन दिशा में चार मंदिर के लंबे और दो मंदिर के चौड़े एक सीढ़ी ऊंचे चबूतरे आयें हैं जिनकी पूर्व किनार  (चांदनी चौक की और ) पर हीरा ,माणिक ,पुखराज ,पाँच और निलवी के नूरी थम्भ आयें हैं और थंभों के मध्य कठेड़ा आया हैं ।हीरा के थम्भ वहीं हैं जो दो मंदिर के चौक के चारों कोनो में आयें हैं ।चबूतरों की पश्चिमी किनार पर बाहिरी हार मंदिरों की दीवार हैं ।


दोनों चबूतरों से दो मंदिर के चौक की तरफ एक सीढ़ी उतरी हैं और बाकी जगह कठेड़ा आया हैं इसी प्रकार से बाहिरी तरफ घेर कर आयीं धाम रोंस की तरफ चबूतरों की किनार के पूर्व से पश्चिम एक मंदिर की जगह कठेड़ा आया हैं आगे ३३ हाथ की जगह में धाम रोंस पर सीढ़ी उतरी हैं शेष ६६ हाथ की जगह गुर्ज ने घेरी हैं
चबूतरे पर नरम पशमी गिलम बिछी हैं जिन पर अति सुन्दर बैठके हैं और ऊपर छत पर नूरी चंदवा की अलौकिक शोभा आयीं हैं 


दो मंदिर का चोक और दोनों दिशा में चार मंदिर के लंबे दो मंदिर के चौड़े चबूतरे (४+२+४=१०) दस मंदिर का हिसाब सम्पूर्ण हुआ --दरवाजे का दस मंदिर का हान्स --

एक विशेष शोभा --चबूतरों की दो भोम आयीं हैं ..दूसरी भोम में वह रंगमहल की दूसरी भोम के इन चार मंदिरो का झरोखा की शोभा को लिये हैं

2 टिप्‍पणियां:

  1. प्रणाम जी सुबह का आत्मा को अच्छा
    नाश्ता मिल जाता हैं

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  2. प्रणाम जी सुबह का आत्मा को अच्छा
    नाश्ता मिल जाता हैं

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