श्री धाम दरवाजा
श्री रंगमहल का दरवाजा ज़मीन से एक भोम की ऊँचाई पर हैं | सौ सीढ़ियाँ और बीस चांदे चढ़कर (एक सौ छोटी सीढ़ियाँ और बीस चाँदे अर्थात बड़ी सीढ़ियाँ )धाम दरवाजे पर जाइए |सीढ़ियों के दोनों तरफ परकोटे हैं |दरवाजा दो मंदिर का ऊँचा और दो ही मंदिर का चौड़ा हैं |
श्री लाल दास महाराजी जी की परमधाम की छोटी वृति के अनुसार शोभा का वर्णन
परमधाम में अपनी सुरता करे --देखे परमधाम के ठीक मध्य में स्थित रंगमहल की शोभा --रंगमहल भोम भर ऊंचे चबूतरे पर सुशोभित हैं --सर्वप्रथम घेर कर एक मंदिर की चौड़ी परिक्रमा घेर कर आयीं हैं जिसे धाम रोंस के नाम से जाना जाता हैं --धाम रोंस के बाहिरी तरफ नूरमयी जवेरों से जड़ित अति सुन्दर कठेड़ा झलकार कर रहा हैं --
इन धाम रोंस के भीतर घेर कर 6000 मंदिर शोभायमान हैं --पूर्व में मुख्य द्वार /धाम दरवाजा की शोभा के वास्ते दस मंदिर का हान्स आया हैं और द्वार के हान्स के दोनों और 25 -25 मंदिर के हान्स आएं हैं शेष सभी हान्स तीस तीस मंदिर के आएं हैं
रंगमहल को घेर कर एक मंदिर की धाम रोंस आयीं हैं ..धाम दरवाजे के दस मंदिर की हान्स की शोभा देखे तो यहाँ दो मंदिर की चौड़ी और दस मंदिर लंबी शोभा आयीं हैं --एक मंदिर की जगह (अतिरिक्त )चांदनी चौक से ली गयी हैं
इस नक़्शे से शोभा देखे --चांदनी चौक की शोभा --उत्तर दिशा में लाल पेड़ और दक्षिन दिशा में हरा वृक्ष ---दोनों के मध्य से जाती दो मंदिर की रोंस जो सीढ़ियों तक पहुंचाती हैं --सीढियां चढ़कर ऊपर चले --तो आ पहुंचे दस मंदिर के हान्स के सम्मुख --जो इस नक़्शे में देखे ..गहरे पिंक रंग में घेर कर आयीं एक मंदिर की धाम रोंस का निशान --हरे वृक्ष की दिशा में ..आगे 10 मंदिर की लंबी और दो मंदिर की चौड़ी जगह का निशान --जिसमें सीढ़ियों के ठीक ऊपर दो मंदिर के लंबे चौड़े चौक की शोभा हरे रंग में दिखाई हैं और दाएं बाएं गहरे पिंक रंग में चार मंदिर के लंबे और दो मंदिर के चौड़े चबूतरो का निशान हैं
इसी शोभा का खड़ा दृश्य 👆👆👆
धाम दरवाजा की शोभा को दिल में बसना हैं --तो चल मेरी सखी ,चांदनी चौक से 100 सीढियां 20 चांदे सहित चढ़कर कर धाम दरवाजे के सामने आएं दो मंदिर के लंबे चौड़े चौक में चले --
दो मंदिर का चौक जो ऊपर दिए गए नक़्शे में हरे रंग से दर्शाया हैं --इन चौक के चारों कोनों में हीरा के थम्भ आएं हैं --यह थम्भ दो मंदिर के ऊंचे आएं हैं --चारों कोनों पर दो दो मंदिर की दुरी पर आएं नूरमयी हीरा के थंभों नें दो मंदिर के ऊंचाई पर मेहराबे बना दो मंदिर के चौक पर एक छत की हैं --
दो मंदिर के चौक की शोभा देखे --चारों कोनों पर हीरा के दो मंदिर या दो भोम ऊंचे थंभों की शोभा आयीं हैं --पश्चिमी दिशा में धाम दरवाजा की अपार शोभा हैं और उत्तर -दक्षिन दिशा में चार मंदिर के लंबे और दो मंदिर के चौड़े चबूतरों की शोभा आयीं हैं --चबूतरों की पूर्व किनार पर हीरा ,माणिक ,पुखराज ,पाँच और नीलवी के थम्भ आएं हैं --इनकी दो भोम पढ़ी --हीरा के थम्भ वहीं हैं जिनकी शोभा दो मंदिर के चौक में देखी हैं --पूर्व दिशा में उतरती धाम की सीढियां
श्री रंगमहल का दरवाजा ज़मीन से एक भोम की ऊँचाई पर हैं | सौ सीढ़ियाँ और बीस चांदे चढ़कर (एक सौ छोटी सीढ़ियाँ और बीस चाँदे अर्थात बड़ी सीढ़ियाँ )धाम दरवाजे पर जाइए |सीढ़ियों के दोनों तरफ परकोटे हैं |दरवाजा दो मंदिर का ऊँचा और दो ही मंदिर का चौड़ा हैं |
श्री लाल दास महाराजी जी की परमधाम की छोटी वृति के अनुसार शोभा का वर्णन
परमधाम में अपनी सुरता करे --देखे परमधाम के ठीक मध्य में स्थित रंगमहल की शोभा --रंगमहल भोम भर ऊंचे चबूतरे पर सुशोभित हैं --सर्वप्रथम घेर कर एक मंदिर की चौड़ी परिक्रमा घेर कर आयीं हैं जिसे धाम रोंस के नाम से जाना जाता हैं --धाम रोंस के बाहिरी तरफ नूरमयी जवेरों से जड़ित अति सुन्दर कठेड़ा झलकार कर रहा हैं --
इन धाम रोंस के भीतर घेर कर 6000 मंदिर शोभायमान हैं --पूर्व में मुख्य द्वार /धाम दरवाजा की शोभा के वास्ते दस मंदिर का हान्स आया हैं और द्वार के हान्स के दोनों और 25 -25 मंदिर के हान्स आएं हैं शेष सभी हान्स तीस तीस मंदिर के आएं हैं
रंगमहल को घेर कर एक मंदिर की धाम रोंस आयीं हैं ..धाम दरवाजे के दस मंदिर की हान्स की शोभा देखे तो यहाँ दो मंदिर की चौड़ी और दस मंदिर लंबी शोभा आयीं हैं --एक मंदिर की जगह (अतिरिक्त )चांदनी चौक से ली गयी हैं
इस नक़्शे से शोभा देखे --चांदनी चौक की शोभा --उत्तर दिशा में लाल पेड़ और दक्षिन दिशा में हरा वृक्ष ---दोनों के मध्य से जाती दो मंदिर की रोंस जो सीढ़ियों तक पहुंचाती हैं --सीढियां चढ़कर ऊपर चले --तो आ पहुंचे दस मंदिर के हान्स के सम्मुख --जो इस नक़्शे में देखे ..गहरे पिंक रंग में घेर कर आयीं एक मंदिर की धाम रोंस का निशान --हरे वृक्ष की दिशा में ..आगे 10 मंदिर की लंबी और दो मंदिर की चौड़ी जगह का निशान --जिसमें सीढ़ियों के ठीक ऊपर दो मंदिर के लंबे चौड़े चौक की शोभा हरे रंग में दिखाई हैं और दाएं बाएं गहरे पिंक रंग में चार मंदिर के लंबे और दो मंदिर के चौड़े चबूतरो का निशान हैं
इसी शोभा का खड़ा दृश्य 👆👆👆
धाम दरवाजा की शोभा को दिल में बसना हैं --तो चल मेरी सखी ,चांदनी चौक से 100 सीढियां 20 चांदे सहित चढ़कर कर धाम दरवाजे के सामने आएं दो मंदिर के लंबे चौड़े चौक में चले --
दो मंदिर का चौक जो ऊपर दिए गए नक़्शे में हरे रंग से दर्शाया हैं --इन चौक के चारों कोनों में हीरा के थम्भ आएं हैं --यह थम्भ दो मंदिर के ऊंचे आएं हैं --चारों कोनों पर दो दो मंदिर की दुरी पर आएं नूरमयी हीरा के थंभों नें दो मंदिर के ऊंचाई पर मेहराबे बना दो मंदिर के चौक पर एक छत की हैं --
दो मंदिर के चौक की शोभा देखे --चारों कोनों पर हीरा के दो मंदिर या दो भोम ऊंचे थंभों की शोभा आयीं हैं --पश्चिमी दिशा में धाम दरवाजा की अपार शोभा हैं और उत्तर -दक्षिन दिशा में चार मंदिर के लंबे और दो मंदिर के चौड़े चबूतरों की शोभा आयीं हैं --चबूतरों की पूर्व किनार पर हीरा ,माणिक ,पुखराज ,पाँच और नीलवी के थम्भ आएं हैं --इनकी दो भोम पढ़ी --हीरा के थम्भ वहीं हैं जिनकी शोभा दो मंदिर के चौक में देखी हैं --पूर्व दिशा में उतरती धाम की सीढियां
हरे रंग में दो मंदिर का चौक 👆👆
दोनों और गहरे पिंक रंग में एक सीढ़ी ऊंचे चबूतरे --जिनकी पूर्व किनार पर थम्भ रंग सहित दिखाए हैं --चबूतरों की पश्चमी दीवार में मंदिर लगे हैं (बाहिरी हार )👆👆
धाम दरवाजे की विस्तार से शोभा आगे देखेंगे
प्रणाम जी
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