शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

🌟🌟भूल भुलवनी🌟🌟

🌹✨✨प्रणाम जी ✨✨🌹

🌹चित में भाव लेकर मेरी रूह भूल भुलवनी के मध्य चौक में आन खड़ी हुई --बड़ी ही अदा से एक सीढ़ी ऊंचा चबूतरा पर आयीं -अति सोहन चबूतरा --सुखदायी झलकार करता हुआ --नीचे नूरमयी रंगों से झिलमिलाती नूरी ,अति कोमल गिलम और चबूतरा की किनार पर आयें नूरी दर्पण के थम्भ --मनोहारी नक्काशी से जड़ित --🌹

💘और नूरी थम्भो को भराए कर नूरी चंदवा --रूह मेरी एकटक शोभा देख रही हैं --चबूतरा को घेर कर आयी गली /परिक्रमा और परिक्रमा से लगते चारों दिशा में नूरी दर्पण के मंदिर --आपस में जुड़े हुए मंदिर --यूँ शोभा की एक प्रतिबिम्ब के हजारों हजार प्रतिबिम्ब उठे और कोई भी नक़ल नहीं महसूस होता --यह अखंड परमधाम की बात हैं --💘


💐आप श्री राज श्यामा जी आते हैं संग सखियों को ले --चबूतरा पर आयीं नूरी सिंहासन पर विराजमान  हुए और सखियाँ उन्हें घेर कर बैठती हैं --इन समय की शोभा बेहद ही सुख देती हैं रूह को --श्री राज श्यामा जी सखियों का सिंगार उनके प्रतिबिम्ब नूरी दर्पण के मंदिरों की दीवारों पर कुछ यूँ झलकते हैं कि प्रत्येक बैठक असल प्रतीत होती हैं --जहाँ जहाँ नजर जाए पिया जी कि बैठक नजर आयीं --पिया ही पिया --तू ही तू --💐🤗🙏🏾

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