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अक्षरातीत श्री राज जी ने श्वेत ,उज्जवल जाम के ऊपर आसमानी रंग में सोहनी झलकार करती सुन्दर चादर धारण की हैं --प्रियतम श्री राज जी बड़ी ही मनमोहल अदा से श्री राज जी चादर धारण करते हैं -चादर और पिछोरी के किनारों पर लाल ,नीले ,पीले आदि अनेक रंगों की किरणे सुखदायी झलकार कर रही हैं --
प्रियतम श्री राज जी के अंग का ही नूर पिछोरी इतनी महीन हैं कि इनमें से जामा के कटाव ,जडाव सब नज़रों में आता हैं --रूहों के सुभान जब पिछोरी धारण करते हैं तो उनके कन्धों से ऊपर से होती हुई यह पिछोरी हारों पर आती हैं तब पिछोरी से प्रतिबिंबित होते हुए हार अद्भुत ज्योति बिखेरते हैं
अजब रंग आसमानी का, जुडी जामें मीहीं चादर ।
ए भूषन बेल कटाव जामें, सब आवत माहें नजर ।। ૭१/5सागर
लाल नीले पीले रंग कै, सोभें छेडों बीच किनार ।
जामें चादर मिल रही, लेहेरी आवत किरनें अपार ।। ૭२ /5सागर💐💐👃🏾
अक्षरातीत श्री राज जी ने श्वेत ,उज्जवल जाम के ऊपर आसमानी रंग में सोहनी झलकार करती सुन्दर चादर धारण की हैं --प्रियतम श्री राज जी बड़ी ही मनमोहल अदा से श्री राज जी चादर धारण करते हैं -चादर और पिछोरी के किनारों पर लाल ,नीले ,पीले आदि अनेक रंगों की किरणे सुखदायी झलकार कर रही हैं --
प्रियतम श्री राज जी के अंग का ही नूर पिछोरी इतनी महीन हैं कि इनमें से जामा के कटाव ,जडाव सब नज़रों में आता हैं --रूहों के सुभान जब पिछोरी धारण करते हैं तो उनके कन्धों से ऊपर से होती हुई यह पिछोरी हारों पर आती हैं तब पिछोरी से प्रतिबिंबित होते हुए हार अद्भुत ज्योति बिखेरते हैं
अजब रंग आसमानी का, जुडी जामें मीहीं चादर ।
ए भूषन बेल कटाव जामें, सब आवत माहें नजर ।। ૭१/5सागर
लाल नीले पीले रंग कै, सोभें छेडों बीच किनार ।
जामें चादर मिल रही, लेहेरी आवत किरनें अपार ।। ૭२ /5सागर💐💐👃🏾
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