1⃣मंदिर की लंबाई चौड़ाई कितनी आयीं हैं ❓
हे मेरी रूह ,रंगमहल को घेर कर 6000 मंदिरों की दो हारें आयीं हैं यह मंदिर 100 हाथ के लंबे चौड़े हैं और 100 हाथ ही ऊंचे हैं
एक मंदिर = 100 हाथ
एक हाथ =एक कोस
2⃣बाहिरी हार मंदिरों की वनों की और आयीं दीवार में तेरह मेहराब आयीं हैं वह किस प्रकार से शोभित हैं वर्णन करें ?❓
हे मेरी रूह ,भोम भर ऊंचे चबूतरे पर आ ,धाम दरवाजा के दस मंदिर के हान्स की शोभा देखकर बाकि हांसों में घेरकर आएं मंदिरों की शोभा को देख --इन मंदिरों की बाहिरि दिवार की अलौकिक शोभा आयीं हैं -
सबसे पहले देखे शोभा बड़ी अकशी मेहराब की--100 हाथ की दुरी पर दो थम्भ उठे जिन्होंने 44 हाथ सीधे ऊपर जाकर सुन्दर मेहराब डाली हैं --अति सुन्दर मेहराब की नोक पर लाल माणिक के सूरज की तरह प्रकाशवान नूरी फूल खिल रहे हैं और दो फूल मेहराब के दाएं बाएं हैं --
इन बड़ी मेहराब के भीतर पुनः तीन मेहराब आयीं हैं उनकी शोभा देखते हैं
100 हाथ की दुरी पर दो थम्भ आएं हैं --इन दोनों थंभों के भीतर 33 -33 हाथ की दुरी पर दो थम्भ आएं हैं जो 22 हाथ के ऊंचे हैं इन पर 22 हाथ की ही सुन्दर मेहराब आयीं हैं --इस तरह से बड़ी मेहराब के भीतर तीन मेहराब आयीं हैं जो कुल 44 हाथ की ऊंची हैं
33 -33 हाथ की चौड़ी इन मेहराबों के भीतर पुनः 3 -3 तीन तीन मेहराबे आती हैं उनकी शोभा देखते हैं कैसे ?
33 -33 हाथ की दुरी पर जो तीन मेहराब हुई उनके मध्य 11 -11 हाथ की दुरी पर 11 हाथ के थम्भ उठे जिन पर 11 -11 हाथ की तीन मेहराब होती हैं --
तो इस तरह से एक नजर में देखे तो सबसे पहले मंदिर पर एक विशाल मेहराब सुशोभित हैं जिनकी नोक और दाएं बाएं लाल माणिक के फूल खिल रहे हैं और मेहराब के ऊपर बारह हाथ की जगह में सुन्दर चित्रकारी आयीं हैं --
अब इन मेहराब में तीन छोटी मेहराब आतीं हैं जिनकी नोक पर और दाएं बाएं लाल माणिक के फूल सुशोभित हैं --इन तीन मेहराबों में पुनः तीन तीन मेहराब आयीं हैं --अजब शोभा धाम की --
एक मंदिर -मंदिर की बाहिरी दीवार --इन एक ही दीवार पर तेरह अकशी मेहराब --
बड़ी मेहराब =1
बड़ी मेहराब में तीन =3
तीन में पुनः तीन 3+3+3+=9
कुल+13
3⃣इन दीवार में खुली मेहराबें या दरवाजा कितने आएं हैं ❓
बड़ी मेहराब के भीतर तीन मेहराब
इन तीन तीन मेहराबों में तीन तीन मेहराब
इनकी शोभा देखते हैं
दायीं और बायीं जो भी तीन तीन मेहराब आयीं हैं उनके मध्य में खुले बादशाही शोभा लिये द्वार की शोभा हैं --और दरवाजा के दोनों और रंगबिरंगी किरणें बिखेरते जाली द्वार हैं
एक पंक्ति में उत्तर होगा --दो दरवाजे
4⃣झरोखा की शोभा किस स्थान पर और कितनी ऊंचाई पर आयीं हैं ❓
बड़ी मेहराब के भीतर तीन मेहराब
इन तीन तीन मेहराबों में तीन तीन मेहराब
---मध्य की तीन मेहराब में देखे तो ठीक मध्य में झरोखा की झरोखा की अपार शोभा आयीं हैं
मेरी सखी ,दीवार के ठीक मध्य जो 11 हाथ ऊंचे अकशी थंभों पर 11 हाथ की नूरी मेहराब आयीं हैं --इन मेहराब के ऊपर अर्थात 22 हाथ ऊपर झरोखा की शोभा आयीं हैं -
5⃣झरोखा की लंबाई चौड़ाई कितनी हैं ?❓
22 हाथ ऊपर शोभित इन मनोहारी ,अति सुन्दर झलकार करती मेहराब के ठीक ऊपर 11 हाथ लंबे उत्तर से दक्षिण और पश्चिम से पूर्व चांदनी चौक की और 5 हाथ चौड़ा झरोखा आया हैं --
मध्य की मेहराब के ऊपर २२ हाथ ऊंचा ग्यारह हाथ उत्तर से दक्षिण और पांच हाथ पूर्व की चांदनी चौक की और आया मनोहारी झरोखा का निशान↑↑
6⃣झरोखा के चारों कोनों पर थम्भ आएं हैं उनकी शोभा विस्तार से कहे ❓
झरोखा की चारों किनार पर 5 हाथ ऊंचे थम्भ आएं हैं --पूर्व की और खुले थम्ब पर खुली मेहराब आयीं हैं ,उत्तर दक्षिण की और भी खुली मेहराब आयीं हैं --
लेकिन पश्चिम की और अकशी थंभों पर अकशी मेहराब आयीं हैं जिसके मध्य पांच हाथ का दरवाजा दाएं बाएं रत्नों से जड़ित अति सुंदर दीवार आयीं हैं --चांदनी चौक की हद में आने वाले झरोखों की पूर्व ,उत्तर दक्षिण मेहराबों में कठेड़े की शोभा आयीं हैं --शेष झरोखों में कठेड़ा नहीं आया हैं क्योंकि पूर्व में आएं वनों की वृक्षों की पहली हार की पहली भोम ने 22 हाथ ऊंचे आकर झरोखों से एक रूप मिलान किया हैं
इस चित्र में झरोखा की पश्चिम दिशा का उचित दृश्य --मध्य में दरवाजा आसपास सुन्दर दीवार↑↑↑
7⃣झरोखा पर आना है सखी तो कैसे आएं ❓
मेरी सखी ,इन मंदिर के भीतर चलों --और अपना मुख बाहिरी दीवार की और करों तो ठीक मध्य की मेहराब जिस पर झरोखा आया हैं --उस मध्य की मेहराब में 5 हाथ का लंबा चौड़ा सुन्दर सा दरवाजा दिखाई देगा
तो सखी इन दरवाजे से भीतर प्रवेश करे --भीतर गए तो अलौकिक शोभा --22 सीढियां गोलाई में चढ़ती हुई --दिखी
गोलाई में ऊपर चढ़ती हुई --22 सीढियां फूलों की सुगंधि से महकाती हुई --इन सीढ़ियों से चढ़ मेरी सखी --अत्यंत नरम सीढियां -जैसे ही 22 सीढियां चढ़ कर ऊपर आये तो सामने एक सुन्दर सा द्वार फिर से दिखा --5 हाथ का द्वार जिसके दोनों औए तीन तीन हाथ की जगह में सुन्दर चित्रामन आया हैं
द्वार जैसे ही पार किया खुद को झरोखे में देखा --यह वही द्वार हैं जो झरोखे के पश्चिम की और अकशी मेहराब में आया हैं
झरोखा उत्तर से दक्षिण ग्यारह का हाथ का लंबा हैं और चांदनी चौक की और पांच हाथ चौड़ा हैं -चारों कोनों पर अति सुन्दर थम्भ जिनकी नूरी छत पांच हाथ ऊंची आयीं हैं --छत पर नूरी देहुरी कलश ध्वज की अपार शोभा आयीं हैं
8⃣बाहिरी हार मंदिरों की वनों की और आयीं दीवार में जालीद्वार कितने शोभा ले रहे हैं ❓
बाहिरी हार मंदिरों की वनों की और आयीं दीवार में 6 जाली द्वार शोभायमान है।
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