बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

भुलवनी की और -प्रश्नोत्तरी

1⃣भुलवनी में रमन करना चाहती  हैं रूह मेरी तो रंगमहल की कोनसी भोम में जाना होगा ❓

रूह आज भुलवनी में रमण करना चाहती हैं तो मेरी रूह श्री राज जी के हुकम उनकी मेहर से अपनी सुरता हद बेहद से परे श्री परमधाम की और करती हैं जहाँ ठीक मध्य में भोम भर ऊंचे चबूतरा पर नव भोम दसवीं आकाशी का रंगमहल सुशोभित हैं -

भुलवनी की अपार शोभा रंगमहल की दूसरी भोम में आयीं हैं --मेरी रूह बढ़ती हैं दूसरी भोम की और

2⃣रंगमहल की किस दिशा में भुलवनी की शोभा आयीं हैं❓ 


श्री राज जी के बेशक इलम से रूह को यह पहचान हैं कि भुलवनी रंगमहल की दूसरी भोम में उत्तर दिशा की और आयीं हैं


3⃣रंगमहल के ईशान कोण से चले तो कितने मंदिर पर करेगी रूह मेरी तो भुलवनी की हद में पहुंचेगी


मेरी रूह रंगमहल की उत्तर दिशा में उत्तर पूर्व कोण ईशान कोण और उत्तर पश्चिम कोण वाय्यव कोण के मध्य आयें 1500 मंदिरों की और अपनी निज नजर करती हैं और दूसरी भोम के इन मंदिरों से निकले 33  हाथ के छज्जा पर आती है --श्री राज जी की मेहर से रूह ने जाना कि अगर मेरी रूह ईशान कोण से पश्चिम की और मुख करके चलती हैं तो वह 190  मंदिर पर करेगी तो भुलवनी की हद में पहुंचेगी 
--*तो रूह मेरी चाहती हैं कि मैं भुलवनी की और चलु --रूह चलती हैं पश्चिम की और --दायीं और ताड़वन की शोभा और बायीं और मंदिरों की अपार शोभा--190  मंदिर रूह चलती हैं तो पहुँच जाती हैं उन 110  मंदिरों के सम्मुख जिनके भीतरी तरफ भुलवनी शोभयामान  हैं*
  4⃣रंगमहल के वाय्यव कोण से चले तो कितने मंदिर पार कर  भुलवनी की हद में पहुंचेंगें

धाम दूल्हा श्री राज जी की अपार कृपा से रूह ने यह भी जाना कि रंगमहल के वाय्यव कोण से चलेगी रूह तो 1200  मंदिर पार करने होंगे --वाय्यव कोण से पूर्व की और मुख करके रूह चलती हैं तो दायीं और मंदिरो की शोभा हैं और बायीं और लाल चबूतरा की अपार शोभा रूह की नज़रों में आएगी 
5⃣दूसरी भोम के छज्जे पर हैं रूह तो जब वह भुलवनी की हद में पहुँच कर भीतर जाना चाहती हैं तो वह छज्जे से बाहिरी  हार मंदिर में कैसे चलेगी?

रूह उन 110  मंदिरों के सामने हैं जिनके भीतर की और भुलवनी शोभित हैं तो रूह मेरी बढ़ती हैं उन बाहिरी हार मंदिरों की और
छज्जा से रूह एक सीढ़ी चढ़कर मंदिर में प्रवेश करती हैं क्योंकि छज्जा से भोम की शोभा एक सीढ़ी ऊंची आतीं हैं
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                        6⃣रूह दूसरी भोम में उत्तर दिशा में छज्जे पर हैं अब उसका मुख मंदिरों की और हैं (बाहिरी हार मंदिर )-
तो रूह भुलवनी तक जाना चाहती हैं तो कितने मंदिर पार करेगी --और क्या क्या शोभा देखेगी ❓


मेरी रूह एक सीढ़ी चढ़कर मंदिर में आतीं हैं-मंदिर की शोभा देखते हुए मंदिर पार करती हैं तो सामने हैं त्रिपोलिया --दो थंभों की हार और तीन गलियों की नूरमयी शोभा - त्रिपोलिया पार कर दूसरी हार मंदिर भी पार किया रूह ने पुनः त्रिपोलिया और त्रिपोलिया के आगे ही भुलवनी की अपार शोभा --तो रूह दौड़ कर बढ़ती हैं भुलवनी की और 🌹


🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏त्रिपोलिया के कुछ उदाहरण 

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