रविवार, 16 जुलाई 2017

BAT PIPAL KI CHOUKI QUE-ANS

🙏प्रणाम जी 🙏

🌷रूह आज बट पीपल की चौकी में रमण करना चाहती हैं तो प्यारी रूह के दिल में इच्छा उपजते ही धाम धनी हक़ श्री राज जी रूह की सुरता को बट पीपल की चौकी में खड़ा कर देते हैं --बट पीपल की चौकी में हैं रूह  तो रंगमहल की किस दिशा में वह खुद को देखती हैं❓

दक्षिण दिशा 

🌷रंगमहल के अग्नि कोण और नैरत्य कोण के मध्य 1500  मंदिर आएं हैं और 50  हान्स आएं हैं  ,धाम के अति सुन्दर झिलमिलाते मंदिर और मंदिरों के बाहिरी और धाम रोंस --धाम रोंस से हान्स -हान्स से सीढ़ियां उतरी हैं ।यह सीढ़ियां चांदों से उतरी हैं ।धाम चबूतरा के साथ ही एक चबूतरा आया हैं उसके दोनों और से सीढ़ियां उतरी हैं ,रूह इन सीढ़ियों से जब निचे उतरती हैं तो सीढ़ियों की कोमलता ,नरमाई ,चेतनता ,सुगन्धि महसूस करती हैं --सीढ़ियों पर बिछी गिलम अत्यंत कोमल हैं और गिलम पर अद्भुत नक्काशी आयीं हैं --सीढ़ियां उतरते समय रूह धाम की तरफ देखती हैं तो वहां धाम की नूरी दीवार के दर्शन होते हैं ,दीवार पर चित्रामन के पशु पक्षी भी मानो रूह के संग कदम से कदम मिला उतर रहे हैं और वन की तरफ रूह देखती हैं तो सीढ़ियों पर आएं फूलों से जड़ित कठेड़ा हैं और आगे नजर करेगी रूह तो क्या नज़रों में शोभा आएगी --किन पक्ष की अलौकिक शोभा रूह सीढ़ियां उतरते उतरते देख रही हैं ❓

बट पीपल की चौकी 

🌷हक़ श्री राज जी की निसबती प्यारी रूहें उमंग उल्लास से लबरेज जब सीढ़ियां उतर कर नीचे वाली रोंस पर आती हैं तो देख रही हैं धाम चबूतरा से लगती इन रोंस की मनोहारी शोभा --हान्स हान्स से उतरती बेशुमार रंगों से सजी चांदों से उतरती धाम की बादशाही शोभा लिए सीढ़ियां इन रोंस पर आयीं हैं --इन रोंस से साथ एक रूप मिलान करता हुआ बट पीपल की चौकी का पहला नहर का चबूतरा हैं --इन आड़े नहर के चबूतरा की शोभा रूहें निहार रही हैं ,अति सुन्दर शोभा तो वह शोभा कैसे हैं जो रूह ने देखी ❓

बट पीपल की चौकी के आड़े खड़े नहर के चबूतरा मनोहारी शोभा लिए हैं --एक मंदिर के चबूतरा में मध्य में 50  हाथ की जगह में उज्जवल ,शीतल ,निर्मल जल की नहर सुशोभित हैं और दोनों और 25 -25 नूरी रोंस (सड़क) की शोभा हैं 

🌷धाम चबूतरे के साथ साथ 1500  मंदिर के लम्बे आड़े चबूतरा  रूह देख रही हैं ,तो यह चबूतरा कितने कितने  मंदिर दुरी से आएं हैं और कितने आएं हैं❓

सौ मंदिर 
100-100 मंदिर के अंतर से छः आड़े नहर के चबूतरा आएं हैं


🌷आड़े खड़े नहर के चबूतरों के मध्य सुन्दर चौक बने हैं ,पांच चौकों की कितनी हार रूह को दिख रही हैं ❓

15 हार

🌷रूह एक चौक में हैं ,100  मंदिर का लम्बा चौड़ा सुन्दर चौक--चौक के चारों दिशा और कोनों में क्या शोभा रूह देखती हैं ❓

रूह एक चौक में खुद को महसूस कर रही हैं ,चौक के चरों दिशा में नेहरे हैं और चारों कोनों में चहबच्चे 

🌷चौक के ठीक मध्य में चबूतरा आया हैं कमर भर ऊंचा --रूह देख रही हैं इन चबूतरा की शोभा --चबूतरा कैसे और कितनी लम्बाई चौड़ाई का हैं ❓

इन नूरी चौक के ठीक मध्य भाग में 33  मंदिर का लम्बा चौड़ा चबूतरा आया हैं हिस्की चारों दिशा से आठ मंदिर की जगह ले कर तीन तीन सीढ़ियां चौक में उतरी हैं और घेर कर फूलों का कठेड़ा शोभित हैं 

🌷चबूतरा को घेर कर चौक में उज्जवल अति कोमल रेती बिछी हैं और चबूतरा के ठीक मध्य क्या शोभा हैं जो रूह ने देखी ❓

     चबूतरा के ठीक मध्य वृक्ष की शोभा हैं --एक मंदिर का नूरी तना प्रगट हो कर 75 हाथ सीधा जा कर फिर डालियाँ बढ़ाता हैं और वृक्ष आपस में एक रूप मिलाब कर फूलों पत्तियों की सुन्दर चन्द्रवा (छत )करते हैं                  

🌷बट पीपल की चौकी के चौकों में चबूतरों पर वृक्ष आएं हैं यह वृक्ष कौन कौन से हैं जो रूह देख रही हैं❓

एक बट का एक पीपल इस क्रम से वृक्ष आएं हैं 

🌷चौकी की नूरी वृक्षों की डालियाँ मेहराब बना कर आपस में मिलान करती हैं इन मेहराबों में अति सुन्दर हिंडोलों की शोभा हैं आप श्री राज जी श्री श्यामा जी और सखियाँ इन हिंडोलों में झूलते हैं उन समय जब ऊपर हिंडोले झूम रहे हैं तो नीचे क्या शोभा हैं जो रूह को प्रिय लग रही हैं ❓

रूह जब आप श्री राज जी श्री श्यामा जी के संग चौकी में हिंडोलों में झूलती हैं तो नीचे नेहेरें हैं और चेहेबच्चों से नूरी जल की बुँदियाँ उछल रही हैं 

🌷आडी खड़ी नहरों के मध्य चौक बने हैं चौक के चारों कोनों पर अति मनोहारी जल कुंड चहबच्चे आएं हैं जिनसे पांच पांच फुहारें छूटते हैं ये कुल कितने चहबच्चे हैं ❓

100 चहबच्चे    
                 
🌷वृक्षों की मेहराबों में हिंडोले आएं हैं तो बट पीपल की चौकी की चारों भोम में कुल कितने हिंडोले हुए ❓

 पांच की पंद्रह हार चौक हैं -- जिनमें चार हिंडोलों की पंद्रह हार =60 चौदह हिंडोलों की पांच हार =70 एक भोम के हुए 60 +70=130 चार भोम के हिंडोले हुए 130 * 4 =520

🌷बट पीपल की चौकी की चार भोम पांचवी चांदनी आयीं हैं ,चांदनी अति सुन्दर मानों नूरी रंग बिरंगें फूलों का गलीचा बिछा हो ,अति सुन्दर फूलों की बैठके तो चारों कोनों में क्या विशेष शोभा हैं जो चांदनी को स्पेशल बना रही हैं ❓                        

चांदनी के चारों कोनों पर चहबच्चे आएं हैं 

🌷बट पीपल की चौकी के धाम तरफ आएं 15 वृक्षों  ने 22  सीढ़ी बना कर रंगमहल की किस शोभा से मिलान किया हैं ❓                        
रंगमहल के छज्जों से मिलान किया हैं 

🌷बट पीपल की चौकी की दूसरी और तीसरी छत ने रंगमहल के क्रमशः दूसरी और तीसरी भोम के छज्जो से मिलान किया हैं तो वनों की चौथी छत या पांचवी चांदनी ने चौथी भोम के छज्जों से मिलान किया हैं तो रूह यहाँ से (बट पीपल की चौकी की चांदनी से ) किस भोम में जाती हैं ❓

निरत की भोम 

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