बुधवार, 12 अप्रैल 2017

nirat ki lila rahsy

नृत्य किसे कहते है ?

जब कोई नाचने लगे 

परमधाम में कौन नाचेगा ?

धनी 
धनी के दिल की लहरें नाचेगी
और कोई नही
नवरंगबाई जो नाच रही है वह मारफत से देखे तो धनी नाच रहे है


सवाल यह कि नाच निरत यह शब्द क्यो आया ?

जब धनी के दिल की लहर रूपी रूह धनी के प्रति अपना प्रेम उड़ेलने के लिए एक तरह  यहा के शब्दों में  कहे तो बेकरार हो जाती है,और तब जो प्रेम के प्रगटीकरण का रूप प्रगट होता है इसे निरत कहा गया है

व निरत कोई नाच नही है,प्रेम का प्रगटीकरण है जो रूह के दिल मे समाया हुआ है और धनी के दिल से संचालित है

बातिनी भाव यह है कि इस निरत की लीला से धनी संजना चाह रहे है कि..निरत रूह नही मेरे दिल के रूप में रूह निरत कर रही है,की मेरे दिल मे जो अनंत प्रेम है वह अब अटखेलिया करने लगा है वह अब समा नही रहा है और रूह के दिल के रूप में बहार आ रहा है


नाचेगा कौन,सागर नही नाचेगा लहर नाचेगी

धनी कह रहे है कि,तुम मेरे दिल की लहर हो और तुम्हें इस जागनी ब्रह्मांड में भी ऐसे ही नाचना है,अर्थात अपना जो स्वरूप है वह ऐसे ही जोर शोर से उजागर करना है

अगर तुम नचोगी नही तो कैसे पता चलेगा,अर्थात तुम अपने स्वरूप में अपनी रहनी में आगे नही बढोगी तो परमधाम में जैसे तुम्हारे नाच पे पूरा धाम नाचता था,ऐसे यहां यह ब्रह्मांड कब और कैसे नाचेगा जो तुम ऐसे बैठी रहोगी,इसलिए यह निरत हमे कराया जा रहा है,याद दिलाया जा रहा है

पर वही बात नाम नवरंगबाई ही क्यों  ??

जैसे नवरंग बाई नए नए तरीके से अपने नाम के अनुसार नई नई कला और नित नवीन अदाओ से धनी के सामने अपने प्रेम को प्रगट करती है,ऐसे ही हमे बारी बारी प्रेम की नौ सीढिया चढ़ कर दसवीं सीधी मारफत की अवस्था मे पहुचना है

प्रेम की नौ सीढिया चढ़ कर

नौ रंग चढ़ेंगे तो दसवे रंग में हम आगे बढ़ेंगे

शाश्त्रो में प्रेंम की दस अवस्थाये बताई गई है

यहां हमे इश्क़ में डूबना है तो परमधाम के प्रेम की उस अवस्था जो हकीकत में थी हमारी उसे दसवी सीढ़ी पर कर मारफत की अवस्था तक ले जाना है

तब ही इत ही बैठे घर जागे धाम पूरा होगा

यह निरत की लीला जागनी लीला से सम्बंधित है

तो आओ सखियो हम भी वाणी वितक चर्चनी और विराट रूपी हकीकत को जानकार धनी के दिल रूपी मारफत तक पोहचने की राह में नवरंगबाई की निरत की तरह यहाँ जागनी लीला में हकीकत के ज्ञान के ठुमके लगाए
rahul shrimali & 
anil wala sakhi ke bhav 

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