बुधवार, 25 जनवरी 2017

28 thambh ke chouk se le rasoi ki haveli

1⃣प्रेम प्रणाम जी --

रूह धाम दरवाजा पार करती हैं तो खुद को एक मंदिर की चौड़ी और गोलाई में रंगमहल को घेर कर आयीं अति नूरी गली में देखती हैं --तो इन नूरमयी गली को पार करते ही क्या शोभा रूह की नज़रों में आती हैं ?❓

मेरी सखी ,श्री रंगमहल का मुख्यद्वार नूरी दर्पण का बादशाही शोभा लिये द्वार पार करती हैं तो खुद एक अति नूरमयी गली में महसूस करती हैं ,गली के आगे मनोहारी चौक की शोभा हैं --हमारे निजघर का पहला चौक जो 28  थम्भ का चौक कहलाता हैं --नूर से झिलमिलाता अति नूरमयी चौक
                       

 2⃣28  थम्भ के चौक के पूर्व पश्चिम दिशा में कितने थम्भ आएं हैं ❓                      

सखी मेरी रूह के नयनों से देख ,28  थम्भ के चौक के पूर्व पश्चिम दिशा में दस दस थंभों की रंगों नंगों से जगमगाहट करती अनुपम शोभा   आयीं हैं --थंभों में चेतन नक्काशी मन मोहती हैं और थंभों में मेहराबें उनकी मोहकता तो देखते ही बनती हैं

 3⃣28  थम्भ के चौक के  उत्तर दक्षिन दिशा में कितने थम्भ आएं हैं ❓                      

और 28  थम्भ के चौक के उत्तर दक्षिण दिशा में चार चार थंभों की सोहनी जुगत हैं --

 4⃣रूह 28  थम्ब के चौक में हैं तो उसे चौक के नीचे , ऊपर और चौक को घेर कर क्या शोभा नजर आती हैं❓                      

चेतन ,अति सुन्दर शोभा लिये धाम के इन थंभों को भराए के मोतियों की झालर से सुसज्जित सोहना चंदवा तना हैं,खुशियों ,अखंड आनंद की बरखा करता चंदवा की सुखद झलकार रूह को मुग्ध कर रही हैं और चौक के तले अति नरम पशम बिछी हैं जिन पर सुखदायी  बैठके सजी हैं सखी  ,ये बैठक हमारे लिये ही तो हैं आइये यहाँ बैठ सखियाँ आपस में मीठी मीठी रस भरी बतिया करें

 5⃣रूह 28  थम्ब के चौक को पार करती हैं चौक के आगे एक गली को पार करती हैं तो उसके आगे क्या शोभा हैं जिसमे रूह प्रवेश करेगी अब ❓  

२८ थम्भ के चौक की सुखद शोभा में झील कर सखी चौक को पार करती हैं ,एक नूरे गली भी पार करती हैं तो हैं सामने रसोई की हवेली ,पहली चौरस हवेली
                   
 6⃣पहली चौरस हवेली की विशेष शोभा आयीं है वह क्या हैं ❓                      

तो सखी ,धाम की पहली चौरस हवेली की शोभा रसोई के चौक की आयीं हैं

 7⃣रसोई की हवेली कितने मंदिर की लंबी चौड़ी आयी हैं ❓                      

तो सखी ,रसोई की हवेली 23 मंदिर की लंबी चौड़ी शोभित हैं

 8⃣रसोई की हवेली की पूर्व दिशा की शोभा क्या हैं ❓                      

सखी मेरी पूर्व दिशा की शोभा देखे --रसोई की हवेली की पूर्व दिशा में मध्य में ग्यारह मंदिर की नूरमयी ,अति सुन्दर दहलान की शोभा आयीं हैं ,इन दहलान में थंभों की दो हारे झिलमिला रही हैं -ग्यारह मंदिर की लंबी और एक मंदिर की चौड़ी इन दहलान के दोनों और नूरमयी  शोभा बिखेरते पांच पांच मंदिर आएं हैं

 9⃣रसोई की हवेली की उत्तर दक्षिन दिशा में  की शोभा क्या हैं                        

और रसोई की हवेली की उत्तर और दक्षिण दिशा में नजर गयीं तो देखा कि दोनों दिशाओं में ठीक मध्य मुख्य द्वार की अपार शोभा आयीं हैं ..द्वार से पहले मंदिरों की अपार शोभा हैं और द्वार के आगे पश्चिम दिशा में दहलान की शोभा आयीं हैं --और उत्तर दिशा में एक विशेष शोभा --कोने का मंदिर छोड़कर दूसरा मंदिर रसोई का मंदिर हैं जो श्याम रंग में झिलमिला रहा हैं आगे सीढ़ियों का मंदिर हैं जिनसे सखियाँ श्री राज श्याम जी के संग उतरती चढ़ती हैं --सीढ़ी वाले मंदिर के आगे श्वेत मंदिर हैं

1⃣0⃣रसोई की हवेली की पश्चिम  दिशा में  की शोभा क्या हैं ❓                      

और रसोई की हवेली की पश्चिम दिशा में मंदिरों की दिवार की अपार शोभा आयीं हैं ,ठीक मध्य में द्वार और दोनों और मंदिरों की शोभा जगमगा रही हैं

 1⃣1⃣रसोई की हवेली में कुल कितने मुख्य द्वार आएं हैं ❓                      

,रसोई की हवेली की चारों और निरखती हैं सखी तो उसे कुल तीन मुख्यद्वार दिखाई देते हैं --पूर्व दिशा का मुख्य द्वार पूर्व के दहलान में शामिल हो जाने से यहाँ मुख्यद्वार नहीं आया हैं

 1⃣2⃣रसोई की हवेली में कितने मंदिर आएं हैं ❓  
                   
तो इस तरह से रसोई की हवेली में 54  मंदिर आएं है 31मंदिर की दहलान आयीं हैं

1⃣3⃣रसोई की हवेली में दहलान की शोभा कहे ❓                      

रसोई की हवेली में तीन देहेलानों की शोभा आयीं हैं ,पूर्व की दहलान में थंभों की दी हारे आयीं हैं तो उत्तर दक्षिण दिशा में बड़े दरवाजे के आगे आने वाली दहलान की बाहिरी दीवार तो शोभा हैं पर  भीतरी ,और दाएं बाएं /पाखे की दीवार नहीं आयीं हैं ,मात्र थम्भ आने सुन्दर दहलाने बन गयीं हैं

 1⃣4⃣रसोई की हवेली में घेर कर आएं मंदिरों के भीतर एक थम्भ की हार दो  गालियां आयीं हैं ठीक मध्य में आयीं शोभा का वर्णन करें ❓                      

सखी ,चारों दिशा की शोभा देखी ,इन शोभा के भीतरी तरफ एक  थम्भ की हार दो गालियां आयीं हैं और ठीक मध्य एक कमर भर ऊंचा चबूतरा हैं जिसकी किनार पर थम्भ अपार खुशाली बिखेर रहे हैं ..थंभों को भराए के चंदवा की अपार शोभा हैं नीचे गिलम --सिंहासन कुर्सियों  की शोभा --और चारों दिशा से उतरती सीढियां तो देख मेरी सखी और शेष जगह चबूतरे की किनार पर थंभों के मध्य  स्वर्णिम कठेड़े की शोभा हैं

 1⃣5⃣उत्तर दिशा में कोने वाला मंदिर छोड़कर कोनसा मंदिर आया हैं ❓

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